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दुर्ग में 19 गांवों के किसानों का कलेक्ट्रेट घेराव:किसान नेता ने आत्मदाह की कोशिश की, हाई टेंशन टावर मुआवजे की लंबित राशि पर फूटा आक्रोश

By Dinesh chourasiya

दुर्ग जिले के किसानों का मुआवजा भुगतान को लेकर कलेक्टोरेट घेराव - Dainik Bhaskar

दुर्ग जिले के 19 गांवों के लगभग 1650 किसान 400 केवी ट्रांसमिशन टावर लाइन परियोजना में लंबित मुआवजा भुगतान की लंबे समय से मांग कर रहे थे। इन 19 गांव के सैकड़ों किसान गुरुवार को जिला कलेक्टोरेट का घेराव किया। किसानों का आरोप है कि प्रशासन मुआवजा वितरण में अनियमितता और मनमानी कर रहा है।

किसानों ने बताया कि उनके खेतों से गुजरने वाली हाई टेंशन लाइन परियोजना का मुआवजा अब तक नहीं मिला है। उन्होंने आरोप लगाया कि तहसील कार्यालयों द्वारा बिना अधिसूचना, ग्रामसभा की सहमति या सर्वे रिपोर्ट के किसानों से जबरन हस्ताक्षर कराए जा रहे हैं, जो मुआवजा अधिनियम 2013 का उल्लंघन है।

किसानों के अनुसार, वे कई बार आंदोलन और आवेदन कर चुके हैं, लेकिन उन्हें केवल आश्वासन ही मिला है। उनकी मुख्य मांग है कि मुख्यमंत्री विष्णु देव साय से उनके प्रतिनिधिमंडल की सीधी मुलाकात करवाई जाए।

किसान नेता ने किया आत्मदाह का प्रयास

घेराव के दौरान स्थिति तब तनावपूर्ण हो गई जब किसान नेता ढालेश साहू ने अपने ऊपर पेट्रोल डालकर आत्मदाह का प्रयास किया। हालांकि, अधिकारियों और पुलिस ने समय रहते उन्हें रोक लिया। इस घटना के बाद किसानों में भारी आक्रोश देखा गया और उन्होंने नारेबाजी शुरू कर दी।

स्थिति को नियंत्रित करने के लिए किसानों के 10 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने एडीएम अभिषेक अग्रवाल से चर्चा की। एडीएम ने मीडिया को बताया कि अधिकांश किसानों का मुआवजा तैयार है और राजस्व टीम गांव-गांव जाकर चेक वितरित कर रही है।

उन्होंने यह भी बताया कि जिन किसानों को अभी तक मुआवजा नहीं मिला है, उनके चेक भी तैयार हैं। किसान चाहें तो चेक एडीएम कार्यालय से प्राप्त कर सकते हैं या राजस्व टीम गांव में जाकर उनका वितरण करेगी।

किसानों की मांग पर एडीएम का जवाब किसानों की मांग थी कि टावर बेस का 200 प्रतिशत और राइट ऑफ वे का 30 प्रतिशत मुआवजा दिया जाए। एडीएम ने कहा कि मुआवजा पावर ग्रिड कॉर्पोरेशन द्वारा तय दर पर ही मिलेगा, जैसा कि परियोजना के प्रारंभिक प्रकाशन में निर्धारित था। उन्होंने किसानों को विस्तृत पत्रक देने का आश्वासन दिया, जिसमें बताया जाएगा कि कितनी जमीन प्रभावित हुई और मुआवजा किस आधार पर तय किया गया।

सभी शंकाओं का समाधान करने के लिए सात दिन बाद पुनः बैठक बुलाई जाएगी। एडीएम ने कहा कि शासन से मुआवजा राशि पूरी तरह प्राप्त हो चुकी है और किसी तरह की कमी नहीं है। किसानों ने फिलहाल आंदोलन स्थगित कर किया।

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